cloud deployment model: वर्तमान में क्लाउड कंप्यूटिंग के Cloud deployment models मैं हमारी जरूरत के अनुसार अलग-अलग deployment models का इस्तेमाल किया जाता है, इसी की मदद से हम क्लाउड कंप्यूटिंग मैं इस्तेमाल होने वाली विभिन्न सर्विस का इस्तेमाल कर पाते हैं।
तथा cloud deployments के कारण ही हम Cloud Computing का एक अलग infrastructure देख पाते हैं। तो चलिए जानते हैं, “क्लाउड कंप्यूटिंग के डेप्लॉयमेंट मॉडल कौन-कौन से हैं।”
हम यह आशा करते हैं, कि इस आर्टिकल मैं दी जाने वाली जानकारी की मदद से आप को
cloud deployment model की पूरी समझ हो जाएगी।
Cloud Deployment Model Diagram |
What is Cloud Deployment Models in Hindi (क्लाउड डेप्लॉयमेंट मॉडल क्या है?)
Cloud Deployment Models क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा प्रदान किए जाने वाले अलग-अलग मॉडल है,
“क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को एक्सेस करने के अलग-अलग तरीके ही Cloud Deployment Models कहलाते हैं।“
आसान शब्दों में समझें तो क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा हमें विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिनमें कुछ सुविधाएं ऐसी हैं जो सभी के द्वारा इस्तेमाल में ली जाती है, तथा कुछ सुविधाएं ऐसी है जो किसी कंपनी या समुदाय विशेष द्वारा इस्तेमाल में ली जाती है,
यह सभी अपने अलग-अलग Deployment Model के कारण जाने जाते हैं। चलिए अब हम क्लाउड कंप्यूटिंग के deployment model of cloud computing को समझते हैं।
Types Cloud Deployment Model
1. Public Cloud
2. Private Cloud
3. Hybrid Cloud
4. Community Cloud
1. Public Cloud Deployment Model In Hindi
Public Cloud हर तरह के व्यक्ति के लिए उपलब्ध होता है, यह Cloud Deployment Model मैं सबसे आम माना जाता है, इसे इस्तेमाल करने का तरीका Free एवं (Pay Per Usage) दोनों है।
इसका इस्तेमाल वह सभी लोग कर सकते हैं, जो इंटरनेट के माध्यम से अपने डेटा को स्टोर और मैनेज करना चाहते हैं। इन्हें थर्ड पार्टी Storage Provider द्वारा संचालित किया जाता है।
Public Cloud Deployment Model Example
कुछ पब्लिक क्लाउड के उदाहरण इस प्रकार हैं :
1. Gmail,
2. Google Drive
Advantages of Public Cloud Deployment Model in hindi
1. Cost-effective: अधिकांशत Public cloud services pay-as-you-go model पर चलती हैं, अर्थात आप जितना पैसे देंगे उतनी सर्विस का इस्तेमाल कर सकेंगे और इसमें कीमत काफी कम होती है, बहुत सर्विस में कुछ समय के लिए फ्री भी दिया जाता है, जिसके इस्तेमाल के बाद अगर आपको और इस्तेमाल करना हो तब आपको पैसे देने होंगे।
2. Scalability: Public clouds को सबसे ज्यादा लचीला माना जाता है, क्योंकि जब भी हम इसमें हमारे Resource (संसाधन) को बढ़ाना चाहेंगे, तब तुरंत ही हम जितने संसाधन की आवश्यकता है, उतने पैसे देकर तुरंत ही संसाधन को बढ़ा सकते हैं, तथा जरूरत के कम होने पर संसाधन को घटा भी सकते हैं।
3. Accessibility: Public clouds का इस्तेमाल हम इस दुनिया में जिस भी जगह से करना चाहे सिर्फ इंटरनेट के माध्यम से अपने अकाउंट को लॉगइन कर कर सकते हैं, इसमें हमें किसी भी हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं होती है, तथा इसी के कारण यह सबसे ज्यादा Accessible है।
4. Reliability and Availability: इसमें हमें अलग-अलग जगह पर विभिन्न प्रकार के डाटा सेंटर मिलते हैं जिसकी मदद से डाटा का लॉस होना ना के बराबर होता है यह अपनी अधिक उपलब्धता के लिए भी प्रसिद्ध है हमें जितनी भी जरूरत है इतने पैसे देकर उपलब्धता हासिल कर सकते हैं।
5. Security: अगर आप अपने डाटा को सबसे ज्यादा सुरक्षित और विश्वसनीय जगह में रखना चाहते हैं तो क्लाउड कंप्यूटिंग उनमें से एक है क्योंकि यहां पर हाई सिक्योरिटी के बीच अच्छा infrastructure के साथ कस्टमर के डाटा को मेंटेन किया जाता है तथा encryption के बीच रखा जाता है।
Disadvantages of Public Cloud in hindi
1. Privacy Concerns: इसमें किसी भी प्रकार की सेंसिटिव जानकारी को रखना खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह स्टोरेज किसी थर्ड पार्टी प्रोवाइडर के पास होती है वैसे तो यह सिक्योरिटी पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं परंतु फिर भी डाटा को लेकर रिस्क हमेशा बना रहता है किसी भी अनऑथराइज्ड एक्सेस द्वारा डाटा का चोरी होना पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग में संभव है।
2. Dependence on Internet Connectivity: बिना इंटरनेट के किसी भी प्रकार का क्लाउड किसी काम का नहीं है क्योंकि क्लाउड कंप्यूटिंग का मुख्य आधार ही इंटरनेट है जिस भी स्थान पर आपको इंटरनेट नहीं मिलेगा वहां आप अपने क्लाउड में उपस्थित डाटा को एक्सेस नहीं कर पाएंगे, अतः हम यह कह सकते हैं कि हमारी dependency पूरी तरह से इंटरनेट पर ही है।
3. Limited Control and Customization: Public cloud services में किसी भी यूजर को सिर्फ एक परिणाम स्वरूप ही लिमिटेड कंट्रोल मिलता है क्योंकि इसमें यूजर की संख्या बहुत ज्यादा होती है एवं सभी को मेंटेन करने के लिए कम कंट्रोल दिए जाते हैं जिसके कारण कस्टमाइजेशन जैसी समस्याएं निकल कर आती है।
4. Potential Vendor Lock-In: Vendor Lock-In की समस्या तब होती है जब हम किसी एक क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस प्रोवाइडर से किसी अन्य क्लाउड कंप्यूटिंग के सर्विस प्रोवाइडर पर शिफ्ट होना चाहते हैं तब कई बार डाटा के फॉर्म को कौन सा सर्विस प्रोवाइडर किस प्रकार से सेव कर रहा है इन सभी चीजों को लेकर समस्याएं बनी रहती हैं, जिसके कारण डाटा का lost होना संभव है।
5. Performance Variability: Public cloud services विभिन्न प्रकार के लोगों के साथ एक समय पर बैठी होती है जिसके कारण परफॉर्मेंस को लेकर समस्याएं कई बार बनती ही है जब एक साथ बहुत से लोग डाटा को एक्सेस करना चाहते हैं तब इस तरह की समस्याएं होना आम बात है।
2. Private Cloud Deployment Model in hindi
cloud deployment models in cloud computing मैं प्राइवेट क्लाउड की महत्वता भी बहुत ज्यादा है
“किसी एक व्यक्ति विशेष या किसी संस्था द्वारा इस्तेमाल में लिए जाने वाला क्लाउड जिसे सिर्फ संस्था या व्यक्ति विशेष ही इस्तेमाल कर सकता है प्राइवेट क्लाउड कहलाता है।”
इसे हम इंटरनल क्लाउड या कॉर्पोरेट क्लाउड के नाम से भी जानते हैं।
इस प्रकार के क्लाउड में पब्लिक क्लाउड की तरह सभी लोगों को डाटा स्टोर करने की या इस्तेमाल करने की परमिशन नहीं होती है। इस्तेमाल करने के लिए PPU पेपर यूजेस सर्विस उपलब्ध है।
Private Cloud Deployment Model Example
1. Red Hat Openstack
2. IBM Bluemix Private
3. Microsoft Azure
4. VMWare
Advantages of Private Cloud Deployment Model in hindi
1. Enhanced Security and Compliance: प्राइवेट क्लाउड में आपको सुरक्षा का प्रकार उच्च लेवल का देखने को मिलता है जिससे कि इस इंफ्रास्ट्रक्चर में आपका डाटा पूर्णता सुरक्षित रहे और यह आपके डाटा को encryption protocols के तहत सुरक्षित रखें जिससे आपका sensitive data भी सुरक्षित रहे पूर्णिमा
2. Increased Control and Customization: किसी भी प्राइवेट क्लाउड में उसे इस्तेमाल करने वाली ऑर्गेनाइजेशन के पास उसे कस्टमाइज करने का पूर्णता कंट्रोल होता है एवं उनके उपयोग में ली जाने वाली सभी चीजें उनके कंट्रोल में होती हैं, सभी रिसोर्ट का एलोकेशन (resource allocation) भी सही तरीके से किया जाता है।
3. Improved Performance and Reliability:
पब्लिक क्लाउड के मुकाबले प्राइवेट क्लाउड में आपको परफॉर्मेंस काफी अच्छी देखने को मिलेगी सभी resources सही तरीके से इस्तेमाल में लिए जाते हैं, एवं इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर डायरेक्ट कंट्रोल यूजर तथा और लाइजेशन के हाथ में होता है, इसमें Reliability
Enhance होती है तथा डाउन टाइम कम से कम होता है।
4. Data Privacy and Compliance: प्राइवेट क्लाउड में आपका डाटा पब्लिक क्लाउड के मुकाबले बहुत ज्यादा हद तक सुरक्षित होता है क्योंकि इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से यूजर रिया और लाइजेशन के कंट्रोल में होता है जिससे data residency जैसी चीजें कम हो जाती है।
5. Flexibility: प्राइवेट लाउड में स्केलेबिलिटी पब्लिक क्लाउड के मुकाबले भले ही कम होती है, परंतु Flexibility पर्याप्त मिलती है।तथा वर्चुलाइजेशन जैसी तकनीक की मदद से रिसोर्स एलोकेशन को मैनेज कर सकते हैं।
Disadvantages of Private Cloud Deployment Model in hindi
1. Higher Initial Investment: प्राइवेट क्लाउड के लिए बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता होती है तथा अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है क्योंकि इसमें पूरी तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर ऑर्गेनाइजेशन के पास कस्टमाइजेशन के लिए होता है जिससे कि इसमें cost काफी बढ़ जाती है।
2. Ongoing Maintenance and Management: प्राइवेट क्लाउड में किसी भी प्रकार की मेंटेनेंस या मैनेजमेंट के लिए और नई जेशन ही रिस्पांसिबल होती है। ऑर्गनाइजेशन के किसी की भी व्यक्ति से हुई एक छोटी सी गलती के लिए organizations स्वयं ही जिम्मेदार होगी।
3. Limited Scalability: पब्लिक क्लाउड में प्राइवेट क्लाउड की तरह स्केलेबिलिटी संभव नहीं है इसमें हमें केयरफुली प्लेयर करना होता है तथा रिसोर्स एलोकेशन को सही ढंग से इस्तेमाल करना होगा। क्योंकि प्राइवेट क्लाउड में स्केलेबिलिटी बढ़ाने के लिए अलग से अन्य प्रकार के हार्डवेयर का इन्वेस्टमेंट करना होगा जो कि फिक्सेबल नहीं होगा इसीलिए इसमें ऑन डिमांड स्केलेबिलिटी पब्लिक क्लाउड की तरह उपलब्ध नहीं है।
4. Limited Geographic Reach: पब्लिक क्लाउड के मुकाबले बहुत ही लिमिटेड डाटा सेंटर होने के कारण इसकी ज्योग्राफिक पहुंच बहुत कम है तथा डाटा को स्टोर करने के सेंटर भी कम है यह किसी भी और नेशन के लिए एक चैलेंज के रूप में साबित होता ।
5. Potentially Slower Adoption of New Technologies: प्राइवेट क्लाउड के एनवायरमेंट में किसी भी प्रकार की नई टेक्नोलॉजी को इंवॉल्व करने के लिए बहुत समय लग जाता है।
3. Hybrid Cloud Deployment Model
यह पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड का मिश्रण होता है, इसकी मदद से व्यक्ति एक समय नहीं पब्लिक एवं प्राइवेट क्लाउड को एक्सेस कर पाता है, यह कंपनी की जरूरत के अनुसार बहुत सारी चीजों को शामिल करके एक क्लाउड बनाया जाता है, इसमें प्राइवेट क्लाउड की सुरक्षा और पब्लिक क्लाउड की कैपेसिटी को शामिल करके ऐसा क्लाउड बनाया गया जो कम कीमत में ज्यादा अच्छी सुविधाएं देता है।
Hybrid Cloud Deployment Model Example
1. Netflix,
2. Hulu,
3. Uber
4. Airbnb
Advantages of A Hybrid Cloud Deployment Model in hindi
1. Flexibility and Scalability:
हाइब्रिड क्लाउड की खासियत यही है कि इसमें स्केलेबिलिटी पब्लिक क्लाउड जैसी होती है तथा फिक्स एबिलिटी प्राइवेट क्लाउड जैसी इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर आवश्यकता के अनुसार बढ़ाया या कम किया जा सकता है एवं ऑर्गनाइजेशन के हाथ में होता है कि वह रिसोर्स एलोकेशन को किस तरह ऑप्टिमाइज करते हैं।
2. Cost Optimization:
हाइब्रिड क्लाउड में प्राइवेट क्लाउड के मुकाबले कम कीमत लगती है इसमें हम पब्लिक क्लाउड की तरह pay-as-you-go model का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे हमें Cost को एक्चुअल यूज के हिसाब से ही देना होगा।
3. Data Security and Compliance:
हाइब्रिड क्लाउड में डाटा को मेंटेन करना तथा सेंसेटिव डाटा को कंट्रोल करना एक सिक्के और बाउंड्री में प्राइवेट क्लाउड की तरह होता है। यह अत्यंत सिक्योर है तथा बहुत से प्राइवेट हेल्थ केयर तथा गवर्नमेंट सेक्टर इसका इस्तेमाल Non-sensitive data or less critical workloads के लिए कर रहे हैं।
4. High Availability and Disaster Recovery:
हाइब्रिड क्लाउड की सबसे अच्छी बात यह है कि यह अधिक उपलब्धता के साथ-साथ डाटा की रिडंडेंसी (redundancy) मैं उपयोगी है। यह किसी संस्था के डाटा को बहुत जल्दी रिकवर और रिस्टोर करने में मदद करता है तथा डाउनटाइम को बहुत कम करता है।
5. Geographical Reach and Performance Optimization:
इसमें हमें Geographical Reach देखने को मिलती है, जिससे पूरे विश्व में किसी भी स्थान में रहकर हम हाइब्रिड क्लाउड का इस्तेमाल कर सकते हैं तथा इसमें मिलने वाली परफॉर्मेंस पब्लिक क्लाउड के मुकाबले बेहतर होती है जिससे इसमें परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइजेशन अच्छा होता है।
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