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What is Cloud Service life Cycle In Hindi | क्लाउड सर्विस के जीवन चक्र से क्या तात्पर्य है ? - AVTechTrick

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किसी क्लाउड सर्विस के जीवन चक्र से तात्पर्य उसकी प्लानिंग से प्रारंभ करके अंत तक के समाप्त होने तक के बीच होने वाली विभिन्न क्रियाओं या चरणों से है, जिनमें होकर प्रत्येक क्लाउड सेवा को गुजरना पड़ता है क्लाउड सेवाओं के उत्पादन में इनपुट के रूप में वे सभी संसाधन और परी संपत्तियां होती हैं, जिनसे क्लाउड सेवा बनती है, अर्थात हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, मेन पावर तथा लागत। इसका आउटपुट एक ऐसी क्लाउड सेवा होती है, जो स्वीकार करने योग्य और बाजार में बेचने योग्य हो। इनपुट को आउटपुट में बदलने तक जो भी क्रियाएं की जाती हैं उनको ही क्लाउट सेवा का जीवन चक्र कहा जाता है।

cloud service life cycle in hindi
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क्लाउड सर्विस के जीवन चक्र से क्या तात्पर्य है ? (cloud service life cycle in hindi)

“किसी भी क्लाउड सर्विसेज के प्रारम्भ की प्लानिंग से लेकर अंत तक (जब तक वह सर्विसेज ख़तम नहीं हो जाती) की विभिन्न क्रियाएं ही क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस जीवन चक्र”

Cloud Computing के जीवन चक्र 4 तरह के होते है जिनके पूरी जानकारी आपको निचे निम्न प्रकार से मिलेगी। 

Cloud Computing के फायदे और नुक्सान


क्लाउड सर्विस के जीवन चक्र के चरण कौन से हे ? (Phase of cloud service life cycle in hindi)

किसी क्लाउड सर्विस के जीवन चक्र में मोटे तौर पर चार चरण होते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं:

 1. सर्विस प्लानिंग (Services Planning)

 2. सर्विस निर्माण (Services Creation)

 3. सर्विस ऑपरेशन (Service Operation)

 4. सर्विस समापन (Services Termination)


1. सर्विस प्लानिंग (Services Planning) 

यह चरण सर्विस जीवन चक्र की रीढ़ है इसमें क्लाउड सेवा के निर्माण और संलग्न के लिए व्यापारिक निर्णय लिए जाते हैं, और उनकी योजना बनाई जाती है। इसी चरण में यह तय किया जाता है कि किन-किन सेवाओं की डिजाइन बनाई जाएगी, उनके लिए क्या-क्या संसाधनों की आवश्यकता होगी और क्लाउड सेवाओं में क्या-क्या क्षमताएं या विशेषताएं होंगी। सामान्यता इस योजना में क्लाउट सेवाओं का विस्तृत विवरण तैयार किया जाता है, जैसे-   सर्विस पोर्टफोलियो, प्रोजेक्ट टाइमलाइन, आवश्यक संसाधन, जोखिम तथा सर्विस के उत्पादन को प्रभावित करने वाले अन्य मुख्य कारक।

 इसी चरण में सर्विस की आवश्यकता तथा विवरण को एक विस्तृत क्लाउड सर्विस डिजाइन में बदला जाता है जिसमें निश्चित परिणाम का भी विस्तृत विवरण किया जाता है यह डिजाइन अगले चरणों में किए जाने वाले कार्य का आधार बनती है। इस चरण में जितना अधिक समय और श्रम लगाया जाता है अगले चरण का कार्य उतना ही अधिक सरल हो जाता है इसी चरण में किसी क्लाउड सर्विस का ब्लू प्रिंट तैयार हो जाता है


2. सर्विस निर्माण (Services Creation) :  

इस चरण में पिछले चरण में तैयार की गई योजनाएं डिजाइन या ब्लूप्रिंट के आधार पर क्लाउड सेवा को वास्तविक रूप दिया जाता है। आवश्यक संसाधनों का उपयोग करके बनाए गए वातावरण में क्लाउड सेवा के एप्लीकेशन को तैयार किया जाता है उनके जितने भी और जो भी कार्य डिजाइन किए गए हैं सबको करने का प्रावधान किया जाता है। क्लाउड सेवर तैयार हो जाने के बाद उसकी जांच भी की जाती है और जांच के परिणाम के अनुसार आवश्यक होने पर एप्लीकेशन में सुधार किया जाता है ताकि क्षेत्र परिणाम प्राप्त हो।

 इसी चरण में सबसे अधिक समय लगता है क्योंकि इसमें क्लाउड सर्विस या एप्लीकेशन का कोर्ट लिखना पड़ता है और उनकी जांच करनी पड़ती है तथा इस तरह तैयार की गई क्लाउड सर्विस को पूरी तरह संतुष्ट हो जाने के बाद ही उसे अगले चरण में जाने के लिए भेज दिया जाता है।


3. सर्विस ऑपरेशन ( Service Operation) :  

क्लाउड सर्विस के जीवन चक्र का यह चरण है जिसमें क्लाउड सर्विस  को वास्तविक वातावरण में डाला जाता है और उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध कराया जाता है इसमें क्लाउड सर्विस की विभिन्न प्रोसेसर के परफॉर्मेंस पर दृष्टि रखी जाती है तथा सेवा की गुणवत्ता की जांच की जाती है।  इंटरेस्ट स्थिति का पता लगाया जाता है और यदि सामान्य या अपेक्षित ऑपरेशन से वास्तविक ऑपरेशन में कोई विचलन है तो उसका कारण बताकर उसे दूर किया जाता है।  इस चरण में मॉनिटरिंग दोनों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, यदि ग्राहकों या उपयोगकर्ताओं की मांग या आवश्यकता के अनुसार क्लाउड सर्विस में कोई परिवर्तन करने की आवश्यकता का अनुभव हो तो पिछले चरण में जाकर उसके कोर्ट को सुधारा जाता है और उसका भली प्रकार परीक्षण करके पुनः इस चरण में लाया जाता है, इस प्रकार क्लाउड सर्विस को नवीनतम बनाए रखने का प्रयास किया जाता है।


4. सर्विस समापन (Services Termination) : 

यह क्लाउड सर्विस के जीवन काल का अंतिम चरण होता है। यदि किसी कारणवश क्लाउड सर्विस अपनी प्रासंगिकता महत्व खो देती है या उसकी आवश्यकता नहीं रहती है, या उसके स्थान पर कोई नई क्लाउड सर्विस लाई जाती है, या अन्य किसी कारण से उसको चलाया जाना संभव नहीं होता है तब इस चरण में उसका समापन किया जाता है इसके लिए सभी उपयोगकर्ताओं को सर्विस के समापन के पूर्व ही सूचना देकर निष्क्रिय कर दिया जाता है अर्थात उनका अकाउंट यदि कोई हो तो समाप्त कर दिया जाता है फिर उनको क्लाउड से हटा लिया जाता है और उसके द्वारा उपयोग में लाए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर को अन्य एप्लीकेशन के लिए खाली कर दिया जाता है। 











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