नमस्कार दोस्तों! आज हम जानने वाले हैं, What is Virtualization in cloud computing in hindi (वर्चुलाइजेशन से आप क्या समझते हैं?) जिसे हमने वर्चुलाइजेशन से जुड़ी सारी जानकारी को इकट्ठा करके इस जगह आर्टिकल के रूप में प्रस्तुत किया है।
हम यह आशा करते हैं कि यह आर्टिकल खत्म होते तक आपको वर्चुलाइजेशन से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान आसान शब्दों में मिल जाएगा।
वर्चुलाइजेशन तकनीकीयों और अवधारणाओं का एक बड़ा रूप है, जिनका उद्देश्य एप्लीकेशन चलाने के लिए एक बात आवरण (Environment) प्रदान करना है, चाहे आभासी हार्डवेयर (Virtual Hardware) या कोई ऑपरेटिंग सिस्टम हो।
वर्चुलाइजेशन शब्द प्राय रूप से हार्डवेयर वर्चुलाइजेशन का पर्यायवाची है, जो क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर एस ए सर्विस समाधान प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, यह ऑपरेटिंग सिस्टम के स्तर पर, यह प्रोग्रामिंग भाषा के स्तर पर, एप्लीकेशन के स्तर पर कई प्रकार से आभासी वातावरण (Virtual Environment) उपलब्ध करा रहा है।
What is Virtualization in cloud computing in hindi (वर्चुलाइजेशन से आप क्या समझते हैं?)
“क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing) की मदद से वर्चुअल तत्वों (Virtual Elements) या संसाधनों (Resources) को उपयोगकर्ता को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया वर्चुलाइजेशन (Virtualization) कहलाती है।”
आसान शब्दों में : क्लाउड कंप्यूटिंग की मदद से किसी अन्य हार्डवेयर का इस्तेमाल किसी और डिवाइस में सॉफ्टवेयर वर्जन (Software Version) के रुप में करना वर्चुलाइजेशन कहलाता है।
चलिए हम अब वर्चुलाइजेशन का एक छोटा सा ओवरव्यू ले लेते हैं ।
(Overview of virtualization in cloud computing in hindi)
क्लाउड कंप्यूटिंग एक प्रकार की तकनीकी सुविधा है, जोकि वर्चुलाइजेशन के कारण हमारे तक पहुंच पाती है। इसकी मदद से हम बिना किसी हार्डवेयर को खरीदें एक निश्चित समय के लिए उसका इस्तेमाल हमारे उपयोग के लिए कर सकते हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग में वर्चुलाइजेशन तकनीक (Technology) की मदद से हम किसी और कंप्यूटर सिस्टम में चलने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर को भी किराए के रूप में (इंफ्रास्ट्रक्चर एस आ सर्विस , IAAS) इस्तेमाल में लिया जाता है
वर्चुलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी मदद से हम किसी भी हार्डवेयर को वर्चुअल वर्जन के रूप में इस्तेमाल में ले सकते हैं। इसमें ऐसी तकनीक होती है जो कि हार्डवेयर को किसी अन्य कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर (Software) के रूप में इस्तेमाल करने की सुविधा देता है।
किसी भी एक हार्डवेयर को टुकड़ों में बांटकर अलग-अलग डिवाइस में सॉफ्टवेयर के रूप में इस्तेमाल करना ही वर्चुलाइजेशन (Virtualization) कहलाता है।
Virtualization technology in cloud computing in hindi
वर्चुलाइजेशन में इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी मैं आभासी रूप से किसी भी हार्डवेयर को किसी अन्य डिवाइस के हार्डवेयर में सॉफ्टवेयर के रूप में चलाना होता है, इसकी मदद से वर्चुलाइजेशन काम करता है।
मुख्यता वर्चुलाइजेशन में चार तकनीक इस्तेमाल में लाई जाती है:
Hypervisor : इसे हम वर्चुअल मशीन मॉनिटर Virtual Machine Monitor (VMM) के रूप में इस्तेमाल करते हैं। यह एक से ज्यादा ऑपरेटिंग सिस्टम को एक हार्डवेयर में काम करने की अनुमति देता है।
Emulation : Emulation एक तकनीक है जिसका इस्तेमाल किसी हार्डवेयर सॉफ्टवेयर के व्यवहार की नकल उतारने के लिए किया जाता है। यह किसी एक ऑपरेटिंग सिस्टम पर बनाए गए सॉफ्टवेयर को उसी ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलाने के लिए सक्षम बनाता है। Example : VMWare
Containerization : यह एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से किसी सॉफ्टवेयर के पैकेज को ऑपरेटिंग सिस्टम के कर्नल की मदद से रन करता है, परंतु रनटाइम एनवायरमेंट(Environment) अलग होता है।
Characteristics of virtualization in Hindi (वर्चुलाइजेशन के गुणधर्म )
जिन भी गुणों के कारण वर्चुलाइजेशन काम करने के योग्य बनता है और जिन्हें रनटाइम में उपयोग करता है वह वर्चुलाइजेशन के गुणधर्म (Characteristics) कहलाते हैं।
वर्चुअलाइजेशन के गुणधर्मों के निम्नलिखित हैं:
1. Abstraction
2. Resource Partitioning
3. Scalability
4. Isolation
5. Performance
6. Migration
7. Snapshot
8. Security
इन शीर्षकों के तहत वर्चुअलाइजेशन के विभिन्न गुणधर्मों को समझाया जा सकता है।
- वर्चुलाइजेशन के गुणधर्म (Characteristics of virtualization) विस्तार में जाने
Importance of virtualization in Hindi
वर्चुलाइजेशन की जरूरत क्यों है चलिए इसे विस्तार से समझते हैं:
1. वर्चुलाइजेशन की मदद से हम कम स्पेसिफिकेशन वाले लैपटॉप में भी ज्यादा स्पेसिफिकेशन वाले सॉफ्टवेयर को इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस की मदद से इस्तेमाल में ले सकते हैं।
2. वर्चुलाइजेशन में किसी एक हार्डवेयर को बहुत सारे रूप में बांटकर बहुत सारे कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर के रूप में इस्तेमाल के लिए दिया जा सकता है
3. एचडीडी हार्ड डिस्क ड्राइव को स्टोरेज के रूप में वर्चुअल प्रदान किया जा सकता है जिसकी मदद से होस्टिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो पाती हैं।
Architecture of virtualization in cloud computing in hindi
अगर हम वर्चुलाइजेशन के आर्किटेक्चर को आसान शब्दों में समझना चाहे तब :
वर्चुलाइजेशन के आर्किटेक्चर को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि किसी एक कर्नल में हम एक से अधिक ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जिसमें हमें वर्चुअल मशीन की जरूरत होगी इसमें हार्डवेयर एक होगा मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम एक होगा परंतु उसके ऊपर लेयर के रूप में विभिन्न तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल हम VMWare की मदद से कर पाएंगे।
इसमें हार्डवेयर के ऊपर वर्चुलाइजेशन के इस्तेमाल के लिए हाइपरविजर होता है। किसी भी वर्चुअल सॉफ्टवेयर का सपोर्ट इस हाइपरविजर (hyper-v) से ही होता है, इसमें हम विभिन्न तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम को गेस्ट ओवैस की तरह इस्तेमाल में ले सकते हैं
परंतु प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम ही हार्डवेयर के संपर्क में होगा। हाइपरविजन हार्डवेयर को यह प्रतीत नहीं होने देता है कि यहां विभिन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम काम कर रहे हैं।
- Architecture of virtualization विस्तृत में जाने
Types of virtualization in Hindi
अगर हम करें वर्चुअलाइज़ेशन के प्रकार की तो इसके 10 से प्रकार होते हैं, परन्तु फ़िलहाल हम 10 प्रकार जानने कुछ इस प्रकार हैं।
Full virtualization (पूर्णता वर्चुअलाइज़ेशन)
पूर्णता वर्चुअलाइज़ेशन (Full Virtualization) एक ऐसा वर्चुअलाइज़ेशन प्रकार है, जो संपूर्ण हार्डवेयर अवधारणा को परिभाषित करता है, इस प्रकार के वर्चुअलाइज़ेशन में, एक हार्डवेयर को वर्चुअल मशीन (Virtual Machine) के रूप में उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाती है, जिसके माध्यम से वे अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर को चला सकते हैं।
Para virtualization (पैरा वर्चुअलाइज़ेशन)
यह वर्चुअलाइजेशन प्रकार में, वर्चुअल मशीन्स को फिजिकल हार्डवेयर से संपर्क करने के लिए गेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम को संशोधित किया जाता है। इसके लिए गेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम को हाइपरवाइजर से समझौता करना पड़ता है।
पैरा वर्चुलाइजेशन में गेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम का संपर्क मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम से ना होकर hyper-v से होता है,
Hardware virtualization (हार्डवेयर वर्चुअलाइज़ेशन)
हार्डवेयर वर्चुअलाइज़ेशन (Hardware Virtualization) एक प्रकार की सर्वर वर्चुअलाइज़ेशन है, जिसमें हार्डवेयर स्तर पर वर्चुअलाइज़ेशन तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसमें एक फिजिकल सर्वर पर विभिन्न वर्चुअल मशीन (Virtual Machines) चलाने के लिए हार्डवेयर के स्तर पर एक हाइपरवाइज़र (Hypervisor) इंस्टॉल होता है।
हाइपरवाइज़र सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम को विभिन्न संसाधनों में विभाजित करने की क्षमता प्रदान करता है। यह संसाधनों को वर्चुअल मशीन्स (Virtual Machine) के बीच संगठित करने और प्रबंधित करने में मदद करता है, जिससे विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लिकेशन और सेवाएं साथ-साथ चल सकती हैं।
हार्डवेयर वर्चुअलाइज़ेशन के द्वारा वर्चुअल मशीन्स अपने आप में स्वतंत्र होती हैं, जिन्हें अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, प्रोसेसर, मेमोरी, नेटवर्क इंटरफेस, और अन्य संसाधनों के साथ साझा किया जा सकता है।
Application virtualization (एप्लिकेशन वर्चुअलाइज़ेशन)
एप्लिकेशन वर्चुअलाइज़ेशन (Application Virtualization) एक वर्चुअलाइज़ेशन प्रक्रिया है, जिसमें एक एप्लिकेशन को संचालित करने के लिए उसे अन्य उपयोगकर्ता Computer को उपलब्ध कराया जाता है, परन्तु install नहीं किया जाता है,
इस प्रक्रिया में एप्लिकेशन को इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि उसे वर्चुअल एनवायरनमेंट में इंटेग्रेट किया जाता है और उसे यथार्थ ऑपरेटिंग सिस्टम से अलग ही संचालित किया जाता है। इस प्रक्रिया को Sequencing कहा जाता है।
एप्लिकेशन वर्चुअलाइज़ेशन के माध्यम से, एक वर्चुअल environment में Application को इंस्टॉल किया जाता है, और उसे एक संबद्ध रूप में संचालित किया जाता है। यह एकल संचालन माध्यम के तौर पर कार्य करता है, जिससे किसी एक एप्लिकेशन का अन्य एप्लिकेशन्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
इसके लिए एप्लिकेशन को वर्चुअलाइज़ेशन सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है, जो एप्लिकेशन के संसाधनों को इंस्ट्रुमेंट करता है और वर्चुअल एनवायरनमेंट में उन्हें संचालित करता है।
Network virtualization (नेटवर्क वर्चुअलाइज़ेशन)
Network virtualization (नेटवर्क वर्चुअलाइजेशन) नेटवर्क के संसाधनों (Resources) और सेवाओं (Services ) को वर्चुअल रूप में प्रदान करता है। इसमें, फिजिकल नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को विभिन्न वर्चुअल नेटवर्क्स में विभाजित किया जाता है, जिससे विभिन्न नेटवर्क सेगमेंट्स और टोपोलॉजी को एक साथ उपयोग किया जा सकता है।
किसी भी नेटवर्क से जुड़ी सर्विस को वर्चुअल इस्तेमाल में लेना या नेटवर्क से जुड़ी सेवाओं को इस्तेमाल में लेना नेटवर्क वर्चुलाइजेशन कहलाता है।
नेटवर्क वर्चुलाइजेशन में VMware NSX जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है, इस सॉफ्टवेयर की मदद से सभी तरह के वर्चुअल नेटवर्क का मैनेजमेंट संभाला जाता है।
Data virtualization (डेटा वर्चुअलाइज़ेशन)
डेटा वर्चुअलाइज़ेशन (Data Virtualization) एक वर्चुअलाइज़ेशन प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न स्रोतों से डेटा को एक एक साथ संघटित, इक्कठा और (Virtual View) में प्रदर्शित किया जाता है।
इस प्रक्रिया में, वास्तविक डेटा स्त्रोतों (Real Data Source) के साथ संपर्क स्थापित किए बिना, उपयोगकर्ता को Visual View के माध्यम से डेटा तक पहुँच मिलती है।
डेटा वर्चुअलाइज़ेशन के माध्यम से, विभिन्न स्रोतों में स्थित डेटा को विर्टुअल तालिकाओं (Visual Tables) के रूप में दर्शाया जाता है। इन तालिकाओं को एकीकृत करके डेटा Visual View बनाया जाता है, जिसमें उपयोगकर्ता डेटा को Browse कर, देख सकता है, और उसे Manage कर सकता है।
इसके लिए डेटा वर्चुअलाइज़ेशन सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है, जो विभिन्न डेटा Source को edit और डेटा को एकीकृत (डाटा कलेक्शन) रूप में प्रस्तुत करने में मदद करता है।
Desktop virtualization (डेस्कटॉप वर्चुअलाइज़ेशन)
डेस्कटॉप वर्चुअलाइज़ेशन (Desktop Virtualization) एक वर्चुअलाइज़ेशन प्रक्रिया है, जिसमें उपयोगकर्ताओं को उनके फिजिकल डेस्कटॉप के स्थान पर निर्धारित नहीं करते हुए, वर्चुअल डेस्कटॉप के माध्यम से एक सेंट्रलाइज़्ड कंप्यूटिंग वातावरण (Centralized Computing Environment ) प्रदान किया जाता है।
इस प्रक्रिया में, उपयोगकर्ता और supply process विभाजित होती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को विभिन्न उपकरणों और स्थानों से स्वतंत्रता का लाभ मिलता है।
Server virtualization (सर्वर वर्चुअलाइज़ेशन)
Server virtualization में एक फिजिकल सर्वर (Physical Server) पर कई वर्चुअल मशीन (Virtual Machines) चलाई जाती हैं। प्रत्येक वर्चुअल मशीन अपने आप में एक पूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ स्वतंत्र होती है।
इसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि किसी एक स्थान पर एक बहुत बड़ा सर्वर के रूप में हार्डवेयर रखा हुआ है, जिसे छोटे-छोटे भागों में जरूरत के अनुसार बहुत सारे लोगों को वर्चुअल रूप में बांट दिया जाए,
इसे हम Server level virtualization कहते हैं, इसमें Server की मुख्य भूमिका होती है।
Storage virtualization (स्टोरेज वर्चुअलाइज़ेशन)
स्टोरेज वर्चुअलाइज़ेशन (Storage Virtualization) एक वर्चुअलाइज़ेशन प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न स्टोरेज रूम बनाये जाते है, और उपयोगकर्ता को जरुरत के अनुसार प्रदान किये जाते हैं ,
इस प्रक्रिया में, वास्तविक स्टोरेज उपकरणों को वर्चुअल इंटरफेस (Virtual Interface) के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है,
जिससे उपयोगकर्ता स्टोरेज को प्रबंधित कर सकता है, और अपने आवश्यकतानुसार संचालित कर सकता है, और उसे आसानी से वितरित कर सकता है।
Host virtualization (होस्ट वर्चुअलाइज़ेशन)
हॉस्ट वर्चुअलाइजेशन : इस प्रकार की वर्चुअलाइजेशन में, एक फिजिकल सर्वर पर विभिन्न वर्चुअल मशीनों (Virtual Machines) को चलाने के लिए हाइपरवाइजर (Hypervisor) सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है। हाइपरवाइजर फिजिकल सर्वर के ऊपर इंस्टॉल होता है और वर्चुअल मशीन्स को संचालित करता है।
इसमें हार्डवेयर का कोई भी संपर्क मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम को छोड़ किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम से नहीं होता है हार्डवेयर इसमें सबसे मुख्य तथा अंतिम लेयर होती है।
इस प्रकार के वर्चुलाइजेशन में एक मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम के ऊपर एक से अधिक वर्चुअल ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी मदद से एक ऑपरेटिंग सिस्टम में अन्य प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम को रन करना आसान होता है।
Pros and cons of virtualization in hindi
वर्चुअलाइज़ेशन के क्लाउड कंप्यूटिंग में लाभ (Advantages of Virtualization in Cloud Computing) हिंदी में निम्नलिखित हैं:
1. Resource utilization: वर्चुअलाइज़ेशन क्लाउड कंप्यूटिंग में संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने की सुविधा प्रदान करती है। एक ही फिजिकल सर्वर पर कई वर्चुअल मशीन चलाई जा सकती हैं, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होता है और कंपनी को अधिकतम लाभ मिलता है।
2. More organized : वर्चुअलाइज़ेशन क्लाउड कंप्यूटिंग को अधिक संगठित बनाती है। संसाधनों का विभाजन और विभाजन करने के साथ, उपयोगकर्ता को स्वतंत्रता मिलती है ताकि वह अपनी आवश्यकताओं और लोगों के अनुसार संसाधनों को प्रबंधित कर सके।
3. Business की बढ़त : वर्चुअलाइज़ेशन क्लाउड कंप्यूटिंग व्यावसायिकता को बढ़ाती है। उपयोगकर्ता को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न सेवाओं का उपयोग करने की सुविधा होती है और वह संसाधनों को अलग-अलग अनुसार प्रबंधित कर सकते हैं।
4. Performance and High Availability: वर्चुअलाइज़ेशन क्लाउड कंप्यूटिंग में कार्यक्षमता और उपलब्धता को बढ़ाती है। उपयोगकर्ताओं को अनुरोध पर अत्यधिक संसाधनों की उपलब्धता मिलती है और उन्हें स्वतंत्रता मिलती है ताकि वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार संसाधनों का उपयोग कर सकें।
5. Administration features: वर्चुअलाइज़ेशन क्लाउड कंप्यूटिंग में व्यवस्थापन सुविधाएं सुलभ होती हैं। संसाधनों का संचालन, प्रबंधन और मॉनिटरिंग आसान होता है और कंप्यूटिंग संसाधनों की व्यवस्था करने में मदद मिलती है।
6.Personal Dividetation : वर्चुअलाइज़ेशन क्लाउड कंप्यूटिंग में उपग्रही विभाजन की सुविधा होती है। विभाजन से एक उपयोगकर्ता के संसाधनों का उपयोग करते समय दूसरे उपयोगकर्ता के संसाधनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, जिससे सुरक्षा और अलगाव बढ़ाता है।
ये थे कुछ वर्चुअलाइज़ेशन के बेहतरियां क्लाउड कंप्यूटिंग में। इन लाभों के कारण, वर्चुअलाइज़ेशन एक प्रमुख तकनीक है जो क्लाउड कंप्यूटिंग की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
Disadvantages of virtualization in cloud computing in Hindi
Low Performance : वर्चुअलाइज़ेशन के कारण कुछ हिस्सों में प्रदर्शन में कमी हो सकती है। वर्चुअल मशीन्स को होस्ट मशीन के साझा संसाधनों का उपयोग करना पड़ता है, जिसके कारण कुछ संबद्धता कम हो सकती है और प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
Complexity of Resource Sharing : वर्चुअलाइज़ेशन में संसाधनों को होस्ट मशीन के बीच साझा करना जटिल हो सकता है। संसाधनों की विभाजन, प्रबंधन, और कॉन्फ़िगरेशन करने के लिए विशेष नेटवर्क और संबद्धता के निर्माण की आवश्यकता होती है, जो व्यवस्थापकों के लिए जटिलता उत्पन्न कर सकती है।
Security Risks : वर्चुअलाइज़ेशन के दौरान सुरक्षा के नए चुनौतियां हो सकती हैं। वर्चुअल मशीन्स के बीच संचार, नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन, और संबंधित उपयोगकर्ता अनुमतियों की निगरानी करना जटिल हो सकता है। संसाधनों को सुरक्षा के लिए सुरक्षा कन्फ़िगरेशन करना भी महत्वपूर्ण होता है।
Management Challenges : वर्चुअलाइज़ेशन के लिए व्यवस्थापन और प्रबंधन की जरूरत होती है। विभिन्न वर्चुअल मशीन्स, संसाधनों और नेटवर्क कंपोनेंट्स को प्रबंधित करने के लिए उच्च क्षमता के प्रशासनिक नियंत्रण और टूल्स की आवश्यकता होती है, जो कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है।
Cost Implications : वर्चुअलाइज़ेशन के लिए उच्च-स्तरीय हार्डवेयर, सॉफ़्टवेयर, और अतिरिक्त इंजीनियरिंग की जरूरत होती है, जिसके कारण व्यय बढ़ सकता है। संसाधनों की प्रभावी उपयोगिता के लिए उच्चतमता के साथ पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता की आवश्यकता होती है।
Need for Skilled Human Resources : वर्चुअलाइज़ेशन का उपयोग करने के लिए योग्य और प्रशिक्षित व्यवस्थापकों की आवश्यकता होती है। इसके लिए कंपनियों को व्यवस्थापकों को प्रशिक्षित करने, अनुभवी कर्मचारियों को नियुक्त करने, और स्टाफिंग करने की आवश्यकता होती है, जो अतिरिक्त कार्य और लागत को ले जा सकती है।
Example of virtualization in Hindi
वर्चुअलाइज़ेशन का उदाहरण (Example of Virtualization) हिंदी में निम्नलिखित हो सकता है:
एक उदाहरण के रूप में, एक कंपनी वर्चुअलाइज़ेशन का उपयोग करके अपने सर्वरों को वर्चुअल मशीन्स में विभाजित कर सकती है। इसके बजाय कि हर सर्वर को अलग-अलग हार्डवेयर पर चलाने की आवश्यकता होती है, कंपनी एक ही हार्डवेयर का उपयोग करके एकाधिक वर्चुअल मशीन्स (VMs) चला सकती है। इस तरीके से, संसाधनों का बेहतर उपयोग होता है और कंपनी को संचालन की लागत कम करने का मौका मिलता है। साथ ही, VMs को आसानी से स्केल किया जा सकता है, जिससे आपको आवश्यकता के अनुसार संसाधनों को बढ़ाने या कम करने में सुविधा मिलती है।
हार्डवेयर वर्चुअलाइज़ेशन क्या होती है?
हार्डवेयर वर्चुअलाइज़ेशन में कंप्यूटर हार्डवेयर संसाधनों, जैसे प्रोसेसर, मेमोरी, और स्टोरेज, के वर्चुअल इंस्टेंस या वातावरण बनाए जाते हैं। यह एकल शारीरिक मशीन पर एकाधिक ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन को चलाने की संभावना प्रदान करता है, जिससे संसाधनों का अधिकतम उपयोग और अलगाव हो सकता है।
एप्लिकेशन वर्चुअलाइज़ेशन क्या होती है?
एप्लिकेशन वर्चुअलाइज़ेशन में एक एप्लिकेशन और उसकी आवश्यकताओं को एक स्वतंत्र वर्चुअल पर्यावरण में संकलित किया जाता है। इससे एप्लिकेशन को आधारभूत ऑपरेटिंग सिस्टम से अलग रूप में चलाने की सुविधा मिलती है, जिससे विरोध और संगतता समस्याओं को दूर किया जाता है। उपयोगकर्ता संबंधित एप्लिकेशन तक पहुँच सकते हैं और उसे उपयोग कर सकते हैं।
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