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Layers In Cloud Computing architecture in hindi | क्लाउड कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर की लेयर क्या है ? -AVTechTrick


Layers In Cloud Computing architecture in hindi : क्लाउड कंप्यूटिंग में विभिन्न प्रकार की Layers होती हैं जिनकी मदद से क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं को यूज़र तक पहुंचाया जाता है, इन सभी लेयर के बिना क्लाउड कंप्यूटिंग से सेवाओं को प्राप्त करना मुश्किल है।

Layers In Cloud Computing architecture in hindi
Layers In Cloud Computing architecture in hindi

क्लाउड कंप्यूटिंग की Layers कई प्रकार की होती है, यह वही लेयर होती हैं जिनकी मदद से हम उपभोक्ता सर्विस का इस्तेमाल कर पाते हैं, यह मुख्यतः चार प्रकार की होती है, 

इसके पहले हम Cloud Computing EcoSystem के बारे में जान चुके हैं,चलिए अब हम जान लेते हैं क्लाउड कंप्यूटिंग की आर्किटेक्चर लेयर के बारे में,


Layers In Cloud Computing architecture in hindi

आज हम मुख्य 4 लेयर के बारे में विस्तार से जानेंगे और इन लेयर के आर्किटेक्चर को समझेंगे, Cloud Computing architecture Layers कुछ इस प्रकार है:

1. प्रयोक्ता लेयर (User Layer)

2. ऐप्लिकेशन लेयर (Application Layer)

3. प्लेटफ़ॉर्म लेयर (Platform Layer)

4. इन्फ्रास्ट्रक्चर लेयर (Infrastructure Layer)


User Layer :

यह लेयर क्लाउड कंप्यूटिंग के आर्किटेक्चर में उपभोक्ता की तरफ से जुड़ी हुई लेयर होती है, इसे पहली लेयर भी कहा जाता है। यह क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस को User  तक पहुंचने का रास्ता प्रदान करती हैं, इसका कार्य बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह यूजर से व्यक्तिगत रूप से जुड़ी होती है।

Example :  Mobile, Laptop, Operating Device.


Application Layer :

यह  ऐसी Layer है, जिसमें सही मायने में कोई सर्विस या एप्लीकेशन रहती है, क्योंकि यही किसी भी ऐप  वेबसाइट यह सॉफ्टवेयर का संचालन करती है। इस Layer में विभिन्न क्लाउड सेवाएँ शामिल हैं, जिनका उपयोग क्लाउड उपयोगकर्ताओं (Cloud Users) द्वारा किया जाता है।

Example : Facebook, Gmail, Sales Force.


Platform Layer :

इस लेयर का निर्माण एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम की मिलकर कार्य करने से होता है, यही उपयोगकर्ता को  एप्लीकेशन से जुड़ी हुई सुरक्षा,  स्केलेबिलिटी, प्रदान करती है। किसी की मदद से किसी भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर  के डाटा को स्टोर करना मैनेज करना जैसे कार्य पूरे हो पाते हैं।

Example : Google App Engine, Microsoft Azure.


Infrastructure Layer :

यह सबसे निचली लेयर होती है एवं किसी भी प्रकार की  फिजिकल रिसोर्ट से जुड़ी समस्या के समाधान करने में काम आती है,  जैसे कि Storage Center, servers, networks से जुड़ी समस्याओं का समाधान के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर लेयर ही उपयोगी है।

DataCenter भी इंफ्रास्ट्रक्चर लेयर का ही एक भाग होता है जो कि इंफ्रास्ट्रक्चर को सही तरीके से चलाने में अपना योगदान देता है।

Example : Web Services.


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Source : AI Software + www.geeksforgeeks.org/layered-architecture-of-cloud/


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